Environmental pollution
पर्यावरण का हो रहा नुकसान.....
पर्यावरण को लेकर मानव को जहाँ कुछ वरदान मिले है वहाँ कुछ अभिशाप भी मिले है क्योंकि जो विज्ञान हमें एक तरफ तो सुविधाएं उपलब्ध करवाता है वही दूसरी तरफ पर्यावरण प्रदूषण भी इसी की कोख में जन्मा है जिसे सहने के लिए आज सभी मजबूर है ।
पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने में मानव का सबसे बड़ा हाथ है क्योंकि मानव ने ही प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया है पेड़ पौधे काटकर बड़ी बड़ी इमारते खड़ी कर ली है
प्रदूषण को बढ़ाने में कल-कारखाने, वैज्ञानिक साधनों का अधिक उपयोग, फ्रिज, कूलर, वातानुकूलन, ऊर्जा संयंत्र आदि दोषी हैं। प्राकृतिक संतुलन का बिगड़ना भी मुख्य कारण है। वृक्षों को अंधा-धुंध काटने से मौसम का चक्र बिगड़ा है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में हरियाली न होने से भी प्रदूषण बढ़ा है। जिससे ऑक्सीजन की कमी हो गयी और सांस लेना दूभर हो गया है।
समय रहते सुनो पर्यावरण की चित्कार,
यदि नहीं लिया फैसला पर्यावरण रक्षा का तो जग में मचेगा हाहाकार।
जागरूक नागरिक होने के कारण आप भी पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अहम भूमिका निभाइये....
आज संत रामपाल जी महाराज के शिष्य किसी भी प्रकार का नशा नहीं करते है और सभी बुराइयों से दूर रहते है संत रामपाल जी महाराज ही ऐसे संत है जो एक स्वस्थ व स्वच्छ समाज तैयार कर रहें है.....
आप भी पढ़े पुस्तक 👉जीने की राह पुस्तक और अपना जीवन सफल बनायें।
पर्यावरण को लेकर मानव को जहाँ कुछ वरदान मिले है वहाँ कुछ अभिशाप भी मिले है क्योंकि जो विज्ञान हमें एक तरफ तो सुविधाएं उपलब्ध करवाता है वही दूसरी तरफ पर्यावरण प्रदूषण भी इसी की कोख में जन्मा है जिसे सहने के लिए आज सभी मजबूर है ।
पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने में मानव का सबसे बड़ा हाथ है क्योंकि मानव ने ही प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया है पेड़ पौधे काटकर बड़ी बड़ी इमारते खड़ी कर ली है
प्रदूषण को बढ़ाने में कल-कारखाने, वैज्ञानिक साधनों का अधिक उपयोग, फ्रिज, कूलर, वातानुकूलन, ऊर्जा संयंत्र आदि दोषी हैं। प्राकृतिक संतुलन का बिगड़ना भी मुख्य कारण है। वृक्षों को अंधा-धुंध काटने से मौसम का चक्र बिगड़ा है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में हरियाली न होने से भी प्रदूषण बढ़ा है। जिससे ऑक्सीजन की कमी हो गयी और सांस लेना दूभर हो गया है।
समय रहते सुनो पर्यावरण की चित्कार,
यदि नहीं लिया फैसला पर्यावरण रक्षा का तो जग में मचेगा हाहाकार।
प्रकृति को बचाना है तो मनुष्य को पहल करनी होगी नशा , धूम्रपान छोड़ना होगा अपने आस पास सफाई रखनी होगी पेड़ पौधे लगाए और अपना शरीर व वातावरण दोनों को शुद्ध करें।
जागरूक नागरिक होने के कारण आप भी पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अहम भूमिका निभाइये....
आज संत रामपाल जी महाराज के शिष्य किसी भी प्रकार का नशा नहीं करते है और सभी बुराइयों से दूर रहते है संत रामपाल जी महाराज ही ऐसे संत है जो एक स्वस्थ व स्वच्छ समाज तैयार कर रहें है.....
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Nice👌
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