क्या सतगुरु बिना मोक्ष संभव है?

सतगुरु बिना क्या मोक्ष संभव है कबीर, गुरू बिन माला फेरते, गुरू बिन देते दान। गुरू बिन दोंनो निष्फल है, पूछो वेद पुराण।। एक राजा की रानी बहुत धार्मिक थी। उसने परमेश्वर कबीर जी से गुरू दीक्षा ले रखी थी। वह प्रतिदिन गुरू दर्शन के लिए जाया करती थी। राजा को यह अच्छा नहीं लगता था, परंतु वह अपनी पत्नी को वहाँ जाने से रोक नहीं पा रहा था। कारण, एक तो वह उस बड़े शक्तिशाली राजा की लड़की थी, दूसरे वह अपनी पत्नी को प्रसन्न देखना चाहता था। एक दिन राजा ने अपनी पत्नी से कहा कि आप नाराज न हो तो बात कहूँ? रानी ने कहा कहो। राजा ने कहा कि आप अपने गुरू के पास जाती हैं, भक्ति तो गुरू के बिना भी हो सकती है। रानी ने कहा कि गुरू जी ने बताया है कि गुरू के बिना भक्ति करना व्यर्थ है। राजा ने कहा कि मैं तेरे साथ कल तेरे गुरू जी से मिलूँगा, उनसे यह बात स्पष्ट करूँगा। राजा ने सन्त जी से प्रश्न किया कि आप जनता को मूर्ख बना रहे हो कि गुरू बिन भक्ति नहीं होती, क्यों भक्ति सफल नही होती? नाम मन्त्रा जाप करने होते हैं। एक-दू...