मांस खाने का आदेश उस परमात्मा ने नहीं दिया है क्या आप जानते है.......... विश्व के सभी प्राणी परमात्मा कबीर जी की आत्मा है जिनको मानव का जन्म मिला है वे सभी भक्ति के अधिकारी हैं काल ब्रह्म यानी ज्योति निरंजन ने सब मानव को काल जाल में रहने वाले कर्मों पर दृढ़ कर रखा है । गलत व अधूरा अध्यात्म ज्ञान अपने दूतों द्वारा जनता में प्रचार करवा रखा है पाप कर्म बढ़े, धर्म के नाम पर ऐसे कर्म प्रारंभ करवा रखे हैं । जैसे हिंदू श्रद्धालु भैरव ,भूत माता आदि की पूजा के नाम पर बकरे ,मुर्गी भैंसे आदि आदि की बलि देते हैं जो पापके अतिरिक्त कुछ नहीं है इसी प्रकार मुसलमान अल्लाह के नाम पर बकरे गाय मुर्गे आदि आदि की कुर्बानी लेते हैं जो कोरा पाप है हिंदू तथा मुसलमान सिख तथा ईसाई व अन्य धर्म व पंथों के व्यक्ति कबीर परमात्मा के बच्चे हैं जो काल द्वारा भ्रमित होकर पाप इकट्ठा कर रहे हैं कबीर जी ने विशेषकर अपने मुसलमान बच्चों को काल का जाल समझाया है तथा यह पाप न करने की राय दी है परंतु काल ब्रह्म द्वारा झूठे ज्ञान में रंगे होने के कारण मुसलमान अपने खालिक कबीर जी के शत्रु बन गए। काल ब्...
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