सत भक्ति मुक्ति संदेश आज तक हमने उस परमात्मा को अजन्मा, अजर-अमर कहा है लेकिन प्रमाणों से सिद्ध हुआ कि श्री ब्रह्मा श्री विष्णु तथा श्री शंकर तीनों नाशवान हैं फिर अविनाशी परमात्मा कौन है ?क्या ब्रह्मा, विष्णु तथा शंकर और काल ब्रह्म परमात्मा नहीं हैं? ये सभी जानकारी हमारे सभी शास्त्रों में है । भागवत गीता, रामायण, महाभारत को सभी ने पढ़ा है क्योंकि ये सभी विशेष प्रमाणित शास्त्रों में से हैं। विशेष विचारणीय विषय यह है कि जिन पवित्र शास्त्रों को हिन्दुओं के शास्त्र कहा जाता है, जैसे पवित्र चारों वेद व पवित्र श्रीमद् भगवत गीता जी आदि, वास्तव में ये सद् शास्त्र केवल पवित्र हिन्दु धर्म के ही नहीं हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ये सर्व शास्त्र महर्षि व्यास जी द्वारा उस समय लिखे गए थे जब कोई अन्य धर्म नहीं था। इसलिए पवित्र वेद व पवित्र श्रीमद्भगवत गीता जी तथा पवित्र पुराणादि सर्व मानव मात्र के कल्याण के लिए है! हमारे सर्व पवित्र धर्म पवित्र 4 वेद ,6 शास्त्र ,18 पुराण ,कुरान शरीफ ,बाइबिल ग्रन्थ साहेब ,गीता में प्रमाण है प्रभु /मालिक/ रब /खुदा /अल्लाह/ राम/ साहेब /गॉड /परमेश्वर सब...
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हमारे शास्त्र और सतभक्ति आज तक हम सभी देवी देवताओं की भक्ति करते आये है फिर भी हम दुःखी है लेकिन क्यों सोचा है कभी आज पढ़े हुए लोग भी इस अंध भक्ति में लगे है और कभी नही जाना की भक्ति सही भी है या नही बिना कुछ सोचे ही लगे है हम पुरानी पीढ़ियों की लीक पीटने पर ये एक बार भी नही जाना कि क्या जो पंडित हमे भक्ति विधि बता रहे है वो शास्त्र प्रमाणित है हम तो सिर्फ लगे है मनमानी साधना करने में लेकिन मनमानी साधना करने के लिए शास्त्रों में क्या लिखा है वो आप देखिए प्रमाण सहित 👇👇👇 श्रीमद्भगवत गीता के अध्याय 16 श्लोक 23,24 में स्पष्ट निर्देश है कि जो साधक शास्त्रों में वर्णित भक्ति की क्रियाओं के अतिरिक्त साधना व क्रियाऐं करते हैं, उनको न सुख की प्राप्ति होती है, अर्थात् व्यर्थ पूजा बतायी है । भेको के लस्कर फीरे ,ये वाणी चोर कठोर । सतगुरु धाम ना पहुंचेंगे ,ये चौरासी के ढोर ।। हमारे सर्व पवित्र धर्म पवित्र 4 वेद ,6 शास्त्र ,18 पुराण ,कुरान शरीफ ,बाइबिल ग्रन्थ साहेब ,गीता में प्रमाण है वो परमात्मा कबीर साहेब है । पूर्ण ब्रह्म कबीर साहेब है जो ...